SARANGARH

मनमानी और लापरवाही का सबब, बिजली विभाग की बिजली गुल

शासन बदलते ही सारंगढ़ में साय साय हो रहा बिजली गुल

2015 में आक्रोशित नगर वासियों ने बिजली ऑफिस में बोला था धावा

इसके बाद से नई सरकार आने तक कंट्रोल में रही विद्युत व्यवस्था

सत्ताधारी नेता सो रहे कुंभकर्णी नींद अधिकारियों को चमकाकर दिखावे का ड्रामा, नतीजा शून्य

एकल बत्ती कनेक्शन उपभोक्ता अदा कर रहे 16 हजार का बिल

बेसमय बिजली की आंख मिचौली से शहर वासीयो में बढ़ता आक्रोश

सारंगढ़ न्यूज़  । छत्तीसगढ़ की विद्युत व्यवस्था को लेकर इन दोनों पूरा प्रदेश परेशान है। बिजली की चरमराई व्यवस्था को लेकर नए जिले सारंगढ़ बिलाईगढ़ में क्षेत्रवासी आक्रोशित है जहां एक ओर समय बे समय बिजली विभाग अपने विभागीय कार्यो और मरम्मत का बहाना बनाकर घंटो देर तक बिजली व्यवस्था को बंद कर अपनी मनमानी और लापरवाही को आम जनता के बीच में “मैं चाहूं जो करूं मेरी मर्जी” का राग अलाप रहा है,

जिसे लेकर आम जनता में अब आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जन चर्चा के अनुसार भाजपा की साय सरकार के आते ही अब साय साय बिजली गुल हो रहा है, या तो उक्त विभाग में सरकार का नियंत्रण नहीं है, जिससे उसकी छवि धूमिल हो रही है या फिर विभाग है कि मानता ही नहीं और धन्य है सत्ताधारी नेता जो कुंभकरणी नींद सोए हुए है।

लेकिन देखा जाए तो सारंगढ़ में ये नेता बेचारे करें तो क्या करें ? अधिकारियों को चिल्लाने के अलावा उनके बस में कुछ नहीं।

सूत्रों की माने तो बिजली गुल की समस्या को लेकर पूर्व में सन 2015 में नगर वासियों का आक्रोश इतना बढ़ गया था की बिजली ऑफिस में भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया, शहर के आधा दर्जन प्रदर्शनकारी पर जमकर मारपीट, बलवा, सरकारी कार्य में व्यवधान उग्र आंदोलन की कई धाराएं भी लगी और न्यायालय में लगभग 8 वर्षों तक प्रकरण भी चला, जिसमें कुछ को सजा भी सुनाई गई लेकिन 2015 से कांग्रेस सरकार के अंत कार्यकाल तक बिजली व्यवस्था में लगाम कसा रहा मगर नई भाजपा की सरकार आने के बाद बिजली की आंख मिचौली और समय बे समय उसका बंद होना साफ नजर आता है।

आमजन को बिजली गुल से पानी की सप्लाई तक नहीं मिल पा रही वही सारंगढ़ के अधिकारी समय रहते बिजली विभाग के सुधार कार्य को करने में हमेशा लापरवाही बरतते नजर आए हैं जिसका खामियाजा तड़के गर्मी और भारी बरसात में साफ देखने को मिलता है। विभाग जनता स्टाफ की कमी, विभाग की लापरवाही, मनमानी, घंटे देर तक मरम्मत कार्य, पुराने बिजली तारों में सुधार, बरसात पूर्व पेड़ों की कटाई, मनचाहा बिजली बिल परोसना, जमकर छापामार कार्यवाही जैसे कार्यों में ज्यादा व्यस्त रहती है लेकिन मौसम अनुरूप प्रारंभिक व्यवस्थाओं में उनकी लापरवाही साथ नजर आती है।

प्राप्त सूत्रों के अनुसार कांग्रेस शासन में एकल बत्ती कनेक्शन योजना के लाभार्थी उपभोक्ता ₹50 का प्रतीक महावीर भुगतान कर रहे थे मगर शासन बदलते ही वहीं उपभोक्ता उक्त नियमों को तर्कनर कर अब उनसे विभाग 16000 रुपए वसूली कर रहा है जिसे मनचाहा रीडिंग विभाग की लापरवाही का फल भुगतना पड़ रहा है। और कई उपभोक्ताओं के बिजली बिल बढ़ कर आना आम बात है जिसके कारण कई समस्याओं उपभोक्ताओं को उठानी पड़ रही है। गर्मी के अंतिम दिनों में और बरसात के पूर्व क्या बिजली विभाग अपने मूल सुधार कार्यों और लापरवाहियों में सुधार कर पाएगा और जिले के अधिकारी और सत्ताधारी दल के नेता इन पर लगाम कस पाएंगे ?

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